तुम मेरी चाहत हो-१

"तुम मेरी चाहत हो" ये एक पारिवारिक, रोमॅंटिक सिरीज है।


                     तुम मेरी चाहत हो-१
           (एक खट्टी-मीठी,प्यार की कहानी)


          यह कहानी मेरी स्वरचित रचना है। इस कहानी के सभी पात्र, घटनाएं, स्थल काल्पनिक है। यह कहानी का किसीभी जीवित या मृत व्यक्ति से किसीभी प्रकार का, कोई भी संबंध नही रखती।

  इस कहानी के सर्वाधिकार इसके लेखिका और प्रतिलिपी मंच के पास सुरक्षित रहेंगे। कृपया, इस कहानी का कोई भी हिस्सा, या फिर किसी भी प्रकार का इसका उपयोग न करे। अगर किसी से इसका गैर तौर पर उपयोग किया गया तो उसपर कानूनी करवाई होगी।

                                           धन्यवाद
                                  लेखिका- संध्या सराटे


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      शाम का समय, ठंडी-ठंडी हवा बह रही थी। बरसात की ऋतु जाकर अभी- अभी तो कुदरत भी डाल- डालपर, हर से हर सृष्टी का जीव अपने ही अंदर खुद की एक नयी उम्मीद, खुद के नये जीवन,खुद के नये उमंगों से अपनी दुनिया सजा रहा था।

   अभी-अभी जाड़े के दिन ही शुरू ही हुये थे। चारो तरफ खेतो में हरयाली का हरा रंग, खेतो की मिट्टी को सजा रहा था। पूरी दुनिया दिनभर काम करके सब अपने अपने घर की ओर इस श्याम के वक्त में निकल चल पड़े थे।

   अभी हम सभी भारत देश के महाराष्ट्र राज्य में है, पूना शहर में। हॉ जी, सही पहचाना आपने पूना शहर जहाँ पर पूरी दुनिया ज्ञान, उच्च शिक्षण के लिये आता है। जहाँपर अपने सपनो को पूरा करने के लिये दिन-रात एक करके अपनी मुट्ठीभर सपनो से पूरी दुनिया मे मशहूर ही जाता है। बस वही पर है हम।
 
     और हमारे साथ?

      जी, अब इसबार भी सही पहचाना आपने। हमारे कहानी की हिरोइन "शुभ्रा देसाई" यानी हमारी "शुभ्रा" है। उम्र २४ साल, रंग दूध जैसा सफेद गोरा, बाल काले, घने लंबे, चेहरा मानो खिलते फूलों की हँसी जैसा, जो भी उसे देखे वोह उसके खूबसूरती को बिना निहारे बिना रह भी नही सकता।जिसने मैनेजमेंट में post graduation किया है।


    आज उसकी जिंदगी के साथ हम भी नये कदमो से उसके साथ उसकी जिंदगी के सफर को जियेंगे। तो चलिये , सब मिलकर चलते है इस नये सफर की ओर।


फिर मिलेंगे...
                    
                तुम मेरी चाहत हो - २
        (एक खट्टी-मीठी , प्यार की कहानी)

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