खामोशी ओर मैं

खाेमीशी से भी कभी बाते करना
खामोशी आ चल कुछ बात करे..
कभी धडकनकी आवाज सुने
कभी हवा की सनसहनाहट सुने
कुछ नही तो दोनो मिलके मनको टटोले
बहोत भारी है ये मन अकेला
इसको भी थोडा सुकुन दे
 आ चल खामोशी मिलके कुछ बात करे