कोरा कागज कोरा ही हैं आज
कुछ ना लिख पाया
ए हसीना प्यारी मेरी
तुम्हारी यादों की सोच में डूब गया
कुछ ना लिख पाया
ए हसीना प्यारी मेरी
तुम्हारी यादों की सोच में डूब गया
हर रोज की तरह आज मी
शब्दों को ढूढ़ता
लिखने का मन में ठा़ना
लेकिन ओठोंपर बस आपका नाम रहता
शब्दों को ढूढ़ता
लिखने का मन में ठा़ना
लेकिन ओठोंपर बस आपका नाम रहता
क्या बोलू अब आपसे तो
दिल से मोहब्बत हों गयी
कागज तो वैसा ही हैं
लेकिन प्यार की मिठास आपके दिल तक पहुँच गयी
दिल से मोहब्बत हों गयी
कागज तो वैसा ही हैं
लेकिन प्यार की मिठास आपके दिल तक पहुँच गयी
में सोचता हूँ की
ईशारोसे ही आपको बता दूँ
लिखकर बताने से अच्छा
दिल की बात दिल से ही कर दूँ
ईशारोसे ही आपको बता दूँ
लिखकर बताने से अच्छा
दिल की बात दिल से ही कर दूँ
ढाई अक्षर ना लिख पाया
ना ही बोल पाया
सीधेसे ही रेशीम रिश्ते कों
इशारोसे बढ़ावा दिया
ना ही बोल पाया
सीधेसे ही रेशीम रिश्ते कों
इशारोसे बढ़ावा दिया
@S..
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