इस कहाणी मे एक शोभा नाम कि लडकी रहती थी. उसके दो दोस्त थे, उनका नाम गायत्री और अलींना था. वह हमेशा कभी ना कभी एक दुसरे की मदद करते. एक दिन शोभा का अकॅसिडेन्ट हुआ. उसे बोहत चोट लगी. जब ऊन दोनो को पता चला वह भागे चले आये. उसका इलाज मे बोहुत कारचा हुआ. डॉक्टर साहब ने कहा "आपके दोस्त का बच पाना नामुणकीण है." दोनो रोने लगी उन्होने पुच्छ " प्लीज डॉक्टर उसे बचा लो उसके लिए जितने पैसे लगेंगे तो बतायें. डॉक्टर ने कहा " देखिये आप खुदको संभालीये." " पर हमारी दोस्त को बचा लेना" गायत्री ने कहा.
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