दिल बेचारा...❤️

This poem written by me

क्या जरुरत थी खुदको फांसी के फंदे मे लीपटने की,
एक बार तो कीसिका खयाल आया ही होगा ना???

आपने ही सिखाया अपनों को मुस्कुराना,
औंर आपही वजाह बन गये अपनोके रोने की...

सचं मे थक चुके थे जिंदगीसे...???
या किसी डर से भागणा पडा...

खैर क्या शिकायत करे आप से,
हम कुछ लगते भी तो नही आपके...

आपसे एक बार मीलने की ख्वाहिश थी इस जिंदगी की,
चलो,कोई बात नहीं,आपके लिये उपर भी सेटिंग लगा देंगे....

हमेशा राह देखते हैं आपकी,
बस एकबार मिलिने की फरियाद कबुल जरूर करना.....

❤️dedicated to Sushant Singh Rajput❤️
 

                                                                           Ashu Dhamodkar.