सफर खूबसूरत हैं तुम्हारे साथ..
कदमो कीं गिनती फिलहाल रेहेने दो...
चलो आज फिर वो रात दोहराये...
सोने की बात रेहेने दो....
फिर से लफ्जो में घोलो इश्क जरासा...
खामोशी से आहे भरना छोड दो...
नजर से नजर मिलने दो जरा...
नजर चुराके हमें तङपाना छोङ दो...
आओ साथ जिंदगी बिताये...
मौत का डर छोड दो...
अगर मुक्कमल करनी हो मंझिल...
तो आज जाने की ज़िद छोड दो...