अगले जनम मोहें बीटीया ना किजो ... भाग1

Aarti... sundar kaya, lambe ghane bal, dikhane me sundar, sushil। Bachpan se hi dikhane me manmohak thi।

आरती...सुंदर काया, लंबे  घने बाल ,दिखने में सुंदर, सुशील ।

बचपन से हीं दिखने में मनमोहक थीं । पढाई मे भी होशियार थीं, घरके कामकाज में भी रुबरु थी, सबकी प्यारी थी घर में  ।

लेकिन फिर भी उसके मन मे एक सल थी कि उसे कोई प्यार नही करता ।  उसकी  जिंदगी में एसी छोटी छोटी चीजें हुई थी, जो कि नहीं होनी चाहिए थी ।

इससे बचपन से ही उसके बालमन पर असर हुआ ।और वो खुद को कुसूरवार मानने लगीं ।

भगवान के सामने खडे रहकर उससे सवाल पुछती, हे भगवान मेरे साथ ही ऐसा क्यु हो रहा है, ऐसे न जाने कितने सवाल भगवान से पूछती थी।


शादी की उम्र हो गई तो रिश्ते आने शुरू हो गए ।।। पहले ही रिश्ते में आरती की शादी तय हो गयी ।।।।

आरती तो जैसे आसमान में उड़ने लगी । वो बहुत जादा खुश थी, अभय से प्यार करने लगी थी ( अभय आरती का होने वाला पति) । अभय भी आरती को चाहने लगा था। शादी के दिनतक दोनों खुब घुमे, फिरे  एक दुसरे के साथ समय बिताया  , दोनों की शादी हो गई ।


आरती शादी करके ससुराल आयीं तब बहुत खुश थी ।  घर में सांस ,ससुर, एक देवर और ये दोनों पति पत्नि एक छोटा सा परिवार था ।तीन ननंदे थी पर तीनों की शादी हो चुकी थी । आरती  खुद को भाग्यशाली समझ रही थी , पर जल्दी ही उसका भ्रम टुट गया ।आरती के शादी के बाद पहली दिवाली आई, साल भर लोग इसी त्योहार का इंतजार करते हैं ।और आरती की तो ससुराल में पहली दिवाली थी, सबकी तरह वो भी खुश थी ।।


सांस बहु ने मिल के दिवाली की जमकर तयारी शुरू कर दी । एक दिन दोनों सांस बहु  घर में काम कर रहे थे।

तभी अभय घर पर आया । उस दिन शायद वो शराब पिके आया था, आरती को तो इस बात का बिलकुल भी  अन्दाजा ही नहीं था ।अभय आया और उसने बिना बात की बहेस चालु कर दी ।

बातों बातों में बात बढ़ गई और अभय को गुस्सा आया और अभय ने आरती को मारना शुरू कर दिया जब की आरती तो कुछ बोली भी नहीं ।फिर भी ऊस पर दोष डालकर उसे दंडे से बहुत मारा ।


बेचारी आरती रोने के सिवाय कुछ नहीं कर सकी। मायके भी जाती तों मायके वाले भी यही कहकर वापस भेजते कि तुम्हारा ही कसूर है ।


कुछ महीने बाद आरती गर्भवती हो गई । तभी भी अभय का मारपीट का सिलसिला शुरू ही था। अभय को बात बात पर गुस्सा आ जाता था ।। दिन-ब-दिन अभय का गुस्सा बढ़ हीं रहा था । आरती बहुत कोशिश करती उसे संभालने की लेकिन वो असमर्थ हो जाती ।

क्रमश: