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आजी माझी

आजी


*काव्य प्रकार-अभंग*

*विषय- आजी*

सर्वात महान। घराची ती शाण।।
संस्काराची खाण। आजी माझी//१//

मायेची माऊली। प्रेमाची सावली।।
मनास भावली। जगी सा-या//२//

दिसाया सोज्वळ।निर्मळ स्वभाव।।
नसे मनी हाव। कधी तिच्या//३//

जीवापाड जपी। आमचे कुटुंब।।
आधाराचा खांब। होती तिच//४//

नात्यांचा गोडवा। जपायाचा कसा।।
दिला तिने वसा। घरादारा//५//

सांगायाची आम्हा। खूप छान गोष्टी।।
मिळायाची दृष्टी। जगण्याला//६//

दिले तिने आम्हा। जीवनाचे धडे।।
सोडविण्या कोडे। संकटाचे//७//

शिकविले आम्हा। सुंदर चारित्र्य।।
मनाचे पावित्र्य। राखायास//८//

भरलेले घर। वाटायचे तेव्हा।।
असायची जेव्हा। आमच्यात//९//

आजही आजीची। भासता उणीव।।
काळजात घाव। होतातच//१०//
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@ सौ.वनिता गणेश शिंदे


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